top of page
Search

यज्ञोपैथी अनुभव : रश्मि प्रिया

मेरा नाम रश्मि प्रिया है | मैं अपने यज्ञ सम्बंधित कुछ अनुभव शेयर करना चाहती हूँ|

मेरी शादी को सात साल हो गए और मेरे दो बच्चे हैं| मैं अपने सिर सम्बन्धी कई समस्याओं से परेशान रहती थी| कहीं भीड़ में जाना, धूप देखकर सिर घूमना, बच्चों का चिल्लाना बर्दाश्त नहीं होता था | अकेले कहीं जाने की हिम्मत नहीं होती थी| तुरंत घबरा जाना, हताश हो जाना, धड़कन बढ़ जाना, ऐसी समस्याओं से मैं अपने में ही परेशान रहती थी | मन की संतुष्टि के लिए डाक्टर के पास गयी |

रांची के एक बड़े फेमस डॉ के.के. सिन्हा जी के सलाह अनुसार दवाई खायी तो दिन भर सोती रही, दूसरे दिन तो ऐसा लगा कि होश में नहीं हूँ | सपने में जी रही हूँ| दवा तुरंत छोड़ दी | पहले से और परेशान हो गयी | फिर गायत्री परिवार से जुड़ी श्रीमती सुनीता रंजन जी ने मुझे यज्ञोपैथी चिकित्सा के बारे में बताया| ४० दिन का अवसाद की जड़ी बूटी का उपचार बताया | उन्होंने जैसा बताया वैसा ही किया मैंने| दशहरा का समय था, मैं तो कितने वर्षों से अपने सिर दर्द के कारण, दशहरा में घूमने नहीं गयी थी परन्तु दो दिन हवन किया और सप्तमी,अष्टमी और दशमी में पूरा घूमकर आयी, मजे में भीड़ के अंदर, शोर, बच्चों का चिल्लाना सब के साथ| घर आयी तो सोच में पड़ गयी, अरे ये कोई सपना तो नहीं देख रही| मुझे इतनी खुशी हुयी की आँख से आंसू आ गये|अब मैं परिवार सहित बहुत खुशी से रह रही हूँ, घर बाहर सब काम कर रही हूँ | ये सब गुरुदेव जी का आशीर्वाद, यज्ञ के प्रभाव और सुनीता रंजन जी के सहयोग से सम्भव हुआ है।


 
 
 

Recent Posts

See All
कैंसर का इलाज करने के लिए वेदों में वर्णित यज्ञ चिकित्सा

प्राचीन आयुर्वेद ग्रंथों के विद्वानों के अनुसार, एक सौ और आठ प्रमुख नाभिक केंद्र हैं जो मानव शरीर के अंदर सबसे महत्वपूर्ण प्राण ऊर्जा का...

 
 
 
क्या स्त्रियों को गायत्री मंत्र अथवा वेद मंत्र करना प्रतिबंधित है ?

प्राचीन काल में नारी जाति का समुचित सम्मान रहा , परंतु मध्यकाल में एक समय ऐसा भी आया, जब स्त्री जाति को सामूहिक रूप से हेय, पतित,...

 
 
 

1 Comment


Ramesh Pandya
Ramesh Pandya
Jul 19, 2021

यज्ञ से जीवन में जो चाहो जो भी काम ना करोगे वह पूर्ण होती है बशर्ते वैदिक परंपरा के अनुसार करें जय गुरुदेव

Like

Contact

9899066919

  • facebook
  • Black YouTube Icon
  • Black Twitter Icon

© 2019 by YAGYOPATHY

bottom of page