थायरॉयड पेशेंट्स पर 40 दिन यज्ञोपैथी ट्रीटमेंट का प्रभाव
- Mamta Saxena
- Apr 19, 2021
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यज्ञ चिकित्सा एक प्राचीन वैदिक चिकित्सा है। रोग के प्रबंधन के लिए विशिष्ट जड़ी-बूटियों का उपयोग करते हुए, यह नवीन दृष्टिकोण विभिन्न बीमारियों में अभूतपूर्व सहायता प्रदान कर सकता है। इस थिरेपी में रोग विशिष्ट, जड़ी-बूटियों द्वारा हवन किया जाता है तथा प्राणायाम के माध्यम से हर्बल वाष्प/ औषधीय धूम्र को साँस द्वारा लिया जाता है। यह औषधीय धूम्र श्वास के साथ सीधे फेफड़ों में पहुंचती है और फिर खून में मिलकर शीघ्र ही सारे शरीर में पहुँच जाती है। थायराइड रोग की स्थिति में टी 3, टी 4 और टीएसएच हार्मोन का असंतुलन होता है। वर्तमान अध्ययन में अतिरिक्त इलाज के रूप में हार्मोनल संतुलन बनाने के लिए विशेष हर्बल मिश्रण के साथ 18 रोगियों को यज्ञ थेरेपी दी गयी। 40 दिन देने के बाद सभी 18 थायराइड रोगियों में थायराइड हार्मोनल स्तर और जीवन की गुणवत्ता का मूल्यांकन किया गया। पिछले 6 महीनों में मरीजों की दवा और खुराक में कोई बदलाव नहीं हुआ। यज्ञ थेरेपी के बाद, पूर्व और बाद के मूल्यांकन से पता चला कि अतिरिक्त इलाज के रूप में यज्ञ थेरेपी केवल 40 दिनों में, हाइपरथायरॉइड रोगियों में वांछित पैटर्न को प्राप्त करने में मदद करता है। हाइपोथायरायड के रोगियों (n = 9) में, T4 और T3 के स्तर में वृद्धि और TSH स्तर में कमी और हाइपरथायरॉइड के रोगियों में (n = 3), T4 और T3 के स्तर में कमी और TSH स्तर में वृद्धि देखी गई ((p) = 0.06)। इसके अलावा रोगियों ने शारीरिक कमजोरी (पी-वैल्यू 0.0078), सांस लेने की समस्या (पी-वैल्यू 0.0078), स्लीप इश्यू (पी-वैल्यू 0.0176), स्ट्रेस (पी-वैल्यू 0.002) आदि शिकायतों में महत्वपूर्ण सुधार की सूचना दी ।इससे हमें ज्ञात होता है कि यज्ञ थेरेपी के माध्यम से थायराइड के दोनों हार्मोनों के साथ-साथ जीवन की गुणवत्ता में सुधार व रोग के प्रबंधन की बहुत अच्छी संभावना है।
रिजल्ट्स, देव संस्कृति विश्वविद्यालय, हरिद्वार के यज्ञ रिसर्च जर्नल में छपे हैं।
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