top of page
Search

गृहे-गृहे गायत्री यज्ञ : प्रयोग के पर्यावरणीय, गौतमबुद्ध नगर, उत्तर प्रदेश

Writer's picture: Brijesh KumarBrijesh Kumar

Updated: Jan 4, 2021

इस वर्ष 30.10.2020 को अखिल विश्व गायत्री परिवार द्वारा आयोजित गृहे-गृहे यज्ञ कार्यक्रम के अंतर्गत संपूर्ण गौतमबुद्ध नगर में हज़ारों परिवारों ने एक साथ प्रातः 9.00 से 11.00 बजे के बीच यज्ञ किया| इस यज्ञ का धूम्र 9.00 से 11.00 के बीच निस्सृत होकर वायुमंडल में जाकर मिला| गौतमबुद्ध नगर मे तीन स्थान पर लाइव मॉनिटरिंग स्टेशन, जैसे कि सेक्टर 1, सेक्टर 62, तथा सेक्टर 116 पर हमने 30 तारीख के प्रदूषण संबंधित आंकड़ें लिए और उनका विश्लेषण किया। उसके नतीजे आपको उपरोक्त ग्राफ - 3 में दिखाये गए हैं। इसमें दिन को तीन भागों में बाँटा गया है, जिसमें यज्ञ से पूर्व 8 बजे ( बैकग्राउंड), यज्ञ के बाद दिन के 2 बजे और रात के 8 बजे का प्रदूषण स्तर दिखाया गया है। इसमे PM 2.5, PM10, NO, NO2 तथा NOX में यज्ञ से पूर्व के स्तर की तुलना में, बाद में काफी गिरावट देखने को मिली है। सेक्टर 116 में NO, NO2 तथा NOX में तीनों ही समय स्तर लगभग बराबर रहा है, अर्थात यज्ञ के धुएँ का इन प्रदूषणकारी गैसों के स्तर पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा।

पीएम के स्तर में कमी भी यही प्रभाव दर्शाती है। अतः यज्ञ के विषय में फैली प्रदूषण संबंधी भ्रामक धारणाएँ इस अध्ययन से पुष्ट नहीं होती, बल्कि इस अध्ययन में प्रदूषण के स्तर में गिरावट देखने को मिलती है। ज्ञातव्य हो कि यह आंकड़ें सरकारी मॉनिटरिंग स्टेशन से लिए गए हैं।


19 views0 comments

Recent Posts

See All

यज्ञोपैथी अनुभव : रश्मि प्रिया

मेरा नाम रश्मि प्रिया है | मैं अपने यज्ञ सम्बंधित कुछ अनुभव शेयर करना चाहती हूँ| मेरी शादी को सात साल हो गए और मेरे दो बच्चे हैं| मैं...

यज्ञोपैथी : यज्ञ द्वारा मधुमेह के रोगियों की चिकित्सा

गायत्री चेतना केंद्र, नोएडा में 11 डायबिटिक रोगियों पर अप्रैल 2019 में एक माह का उपचार सत्र कार्यान्वित किया गया | इसमें निर्धारित...

कैंसर का इलाज करने के लिए वेदों में वर्णित यज्ञ चिकित्सा

प्राचीन आयुर्वेद ग्रंथों के विद्वानों के अनुसार, एक सौ और आठ प्रमुख नाभिक केंद्र हैं जो मानव शरीर के अंदर सबसे महत्वपूर्ण प्राण ऊर्जा का...

Comments


Contact

9899066919

  • facebook
  • Black YouTube Icon
  • Black Twitter Icon

© 2019 by YAGYOPATHY

bottom of page